UP Shikshamitra OPS Good News: उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों के लिए राहत की खबर सामने आई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शिक्षामित्र से शिक्षक बने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (OPS) का लाभ देने की दिशा में सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि 4 सितंबर 2025 तक आदेश के अनुसार निर्णय नहीं लिया गया, तो उन्हें अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होना पड़ेगा।
रमेश चंद्र समेत 36 याचिकाकर्ताओं की याचिका पर आया आदेश
यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी की एकल पीठ ने रमेश चंद्र और 36 अन्य शिक्षामित्रों की ओर से दायर की गई अवमानना याचिका पर पारित किया। याचिका में कहा गया था कि नवंबर 2024 में हाई कोर्ट ने सचिव को तीन महीने में निर्णय लेने का निर्देश दिया था, लेकिन कई महीनों बाद भी कोई फैसला नहीं लिया गया। इससे नाराज याचिकाकर्ताओं ने फिर से कोर्ट की शरण ली।
शिक्षामित्रों ने तर्क दिया, हम भी पुरानी पेंशन के हकदार
याचिकाकर्ताओं का स्पष्ट कहना है कि जो शिक्षामित्र 2005 से पहले नियुक्त हुए थे और बाद में सहायक अध्यापक के रूप में समायोजित किए गए, उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलना चाहिए। शिक्षामित्रों का यह भी तर्क है कि नियुक्ति की मूल तिथि के आधार पर उन्हें पुरानी पेंशन मिलनी चाहिए, भले ही शिक्षक के रूप में उनकी सेवा बाद में शुरू हुई हो।
सचिव को कोर्ट का अल्टीमेटम: या तो फैसला लें या पेश हों
कोर्ट ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को साफ शब्दों में कहा है कि 4 सितंबर 2025 तक आदेश के अनुरूप निर्णय लें, अन्यथा उन्हें कोर्ट में पेश होने के लिए तैयार रहना चाहिए। यह चेतावनी शिक्षा विभाग के लिए साफ संकेत है कि अब इस मामले में और देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
शिक्षामित्रों में खुशी की लहर, अब फैसले की आस
कोर्ट के इस सख्त रुख के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों के बीच उम्मीद और खुशी की लहर दौड़ गई है। हजारों शिक्षामित्र जो पिछले कई वर्षों से न्याय के लिए संघर्ष कर रहे थे, अब उन्हें उम्मीद है कि उन्हें उनका हक मिलेगा। खासकर उन शिक्षामित्रों के लिए यह राहत की खबर है, जो 2005 से पहले से सेवा में हैं।
क्या मिलेगा शिक्षामित्रों को पुरानी पेंशन?
अगर सचिव हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार निर्णय लेते हैं, तो शिक्षामित्रों को GPF आधारित पुरानी पेंशन योजना (General Provident Fund) का लाभ मिल सकता है। इससे न सिर्फ उनकी रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी, बल्कि उन्हें एक सम्मानजनक सामाजिक सुरक्षा भी मिलेगी।