Agriculture Business Scheme: राजस्थान के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 2025-26 के बजट सत्र में एक ऐसी योजना का ऐलान किया है, जो राज्य के पारंपरिक खेती करने वाले किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला सकती है। इस नई योजना के तहत बैल से खेत जोतने वाले किसानों को सालाना ₹30,000 की आर्थिक मदद दी जाएगी।
बैल से खेती करने वालों को मिलेगा सीधा आर्थिक लाभ
राज्य सरकार की यह पहल खास तौर पर उन किसानों के लिए लाई गई है जो आज भी परंपरागत तरीके से बैल के ज़रिए खेती करते हैं। सरकार का मानना है कि मशीनों के बढ़ते उपयोग से खेती की लागत तो बढ़ रही है, लेकिन पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। ऐसे में यह योजना पारंपरिक खेती को पुनर्जीवित करने और किसानों को सीधा आर्थिक सहारा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पर्यावरण को भी मिलेगा फायदा, जैविक खेती को बढ़ावा
बैल से खेती करने से न केवल डीजल की बचत होती है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहती है। रासायनिक खादों की जरूरत कम होती है और बैलों के गोबर का उपयोग जैविक खाद के रूप में किया जा सकता है। सरकार का उद्देश्य है कि इस स्कीम के ज़रिए न सिर्फ किसानों को आर्थिक मदद दी जाए, बल्कि जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण को भी मजबूती मिले।
इन शर्तों पर मिलेगा योजना का लाभ
इस स्कीम का लाभ सिर्फ उन्हीं किसानों को मिलेगा जो राजस्थान के मूल निवासी हों और उनके पास एक जोड़ी स्वस्थ बैल हों, जिनकी उम्र 18 से 25 वर्ष के बीच हो। इसके अलावा किसानों के पास लघु सीमांत किसान प्रमाण पत्र, बैलों का बीमा और तहसीलदार द्वारा जारी प्रमाणन होना अनिवार्य है।
ऐसे करें आवेदन, ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प
सरकार ने इस योजना के आवेदन की प्रक्रिया को भी आसान बनाया है। किसान चाहें तो राज किसान पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के समय आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, जमीन संबंधी दस्तावेज और बैलों की जानकारी अपलोड करनी होगी। जिनके पास इंटरनेट सुविधा नहीं है, वे नजदीकी कृषि कार्यालय जाकर ऑफलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।