Contract Employees DA And Salary Hike: उत्तराखंड में कार्यरत संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने इन कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और वेतन में इजाफा करते हुए आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिया है। यह निर्णय उत्तराखंड परिवहन निगम की 22वीं बोर्ड बैठक में लिया गया, जिसे एक मई 2025 से प्रभावी कर दिया गया है। लंबे समय से इस बढ़ोतरी की मांग कर रहे कर्मचारियों में अब खुशी की लहर है।
महंगाई के बीच कर्मचारियों को मिली आर्थिक राहत
उत्तराखंड परिवहन विभाग में संविदा और आउटसोर्सिंग आधार पर काम कर रहे चालकों और परिचालकों को महंगाई की मार से थोड़ी राहत देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। पिछले कुछ वर्षों से नियमित कर्मचारियों की तरह संविदा और आउटसोर्स कर्मियों को भी महंगाई भत्ते का लाभ देने की मांग की जा रही थी। अब सरकार ने उनकी मांग को मानते हुए, उनके डीए में चार प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है।
1 मई से पूरे प्रदेश में लागू हुआ नया वेतनमान
यह आदेश उत्तराखंड परिवहन निगम के वित्त नियंत्रक आनंद सिंह द्वारा जारी किया गया, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को भी नियमित कर्मियों के अनुपात में ही डीए में बढ़ोतरी दी जा रही है। यह फैसला न सिर्फ कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को सुधारने की दिशा में लिया गया है, बल्कि इससे विभागीय कार्यक्षमता और मनोबल को भी मजबूती मिलेगी। सरकार ने इस आदेश को 1 मई 2025 से लागू कर दिया है।
चालक और परिचालकों को प्रतिकिमी दर पर मिलेगा डीए
डीए बढ़ोतरी के आदेश के अनुसार, आउटसोर्स कर्मचारियों को उनके कार्य के अनुसार प्रति किलोमीटर के आधार पर महंगाई भत्ता प्रदान किया जाएगा। उदाहरण के लिए, पहले मैदानी क्षेत्र के चालकों को 3.30 रुपये प्रति किलोमीटर डीए मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 3.39 रुपये प्रति किलोमीटर कर दिया गया है। इसी तरह मैदानी कंडक्टर का डीए 2.71 रुपये प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 2.79 रुपये कर दिया गया है। पहाड़ी चालकों के मामले में यह राशि पहले 3.675 रुपये थी, जिसे अब 3.85 रुपये प्रति किलोमीटर कर दिया गया है।
कर्मचारियों ने जताई संतुष्टि, सरकार का आभार
इस निर्णय के बाद संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों में खासा उत्साह देखने को मिला है। उत्तराखंड परिवहन निगम में कार्यरत कई कर्मचारियों ने सरकार का आभार जताते हुए कहा कि यह फैसला उनके जीवन को बेहतर बनाने वाला है। विशेष रूप से उन परिवारों के लिए यह राहतभरी खबर है, जिनकी आय का एकमात्र स्रोत यही नौकरी है। उनका मानना है कि इससे न केवल महंगाई से लड़ना आसान होगा, बल्कि वे अपनी बुनियादी जरूरतें बेहतर ढंग से पूरी कर सकेंगे।